कविता कैसे लिखते है?
मन की आखें खोलो,
क्या नज़र आता है?
शब्दों से कागज़ पर चित्र बनाओ ,
वही कविता कहलाता है।
कविता कैसे लिखते है?
कुछ पन्ने, फूल और ताज़ी हवा ,
के साथ इश्क़ लड़ाओ।
आपस में हुए प्रेम संवाद को ,
कागज़ के साथ बताओ।
कविता कैसे लिखते है?
कैसे रहते थे लोग इतिहास में?
अपने कल्पनाओ को दौड़ाओ,
इतिहास लिखते लिखते क्या पता,
खुद का भविष्य लिख डालो।
कविता कैसे लिखते है?
दिमाग बोल लिखता है,
मन धुन गुनगुनाता है।
शरीर का यह अनमोल संगम,
कागज़ पे कलम को नचाता है।
कविता कैसे लिखते है?
एक होगा ऊपरवाला,
सितारों से लिखता एक कहानी।
कहानी जैसे गीत कोई,
एक कविता अनजानी।
शायद ब्रह्माण्ड एक कागज़ है,
हम सब कागज़ पर लिखी निशानी।
कवी तो हम देख ही न पाए,
न देख पाए पूरी कविता अनजानी।
~सायली पाटुकले
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